-"सा‍न्निध्‍य स्रोत" के पुराने अंकों से

1- दिन में तारे दिखाई देने वाली उक्ति चरितार्थ हुई

कौतूहल से स्‍तम्भित और अनेक संशयों अन्‍ध विश्‍वासों से ग्रसित लोगों ने सदी के एक मात्र पूर्ण सूर्यग्रहण को विस्मित नज़रों से निहारा। प्रकृति ने सचमुच उन भाग्‍यशाली व्‍यक्तियों को दिन में तारे दिखा दिये और किताबों में लिखी उक्ति को सत्‍य साबित कर दिया। खागोलविदों के अनुसार आसमान में तारों के साथ स्‍वाति, चित्रा, बुध व शुक्र ग्रह आसानी से दिखाई दे रहे थे। मौसम ठण्‍डा हो गया था। हुबली नदी में पानी चढ़ आया।
दीपावली के दूसरे दिन 24 अक्‍टूबर 1995 को सुबह सवेरे 7 बज कर 22 मिनिट पर सूर्यग्रहण प्रारंभ हुआ। पूर्ण सूर्यग्रहण सर्वप्रथम राजस्‍थान के सीकर जिले के नीम का थाना में आठ बज कर 32 मिनिट पर चालू हुआ और सबसे अधिक 51 सैकण्‍ड रहा। सूर्य ग्रहण के दौरान सौर प्रभामण्‍डल अनामिका पर दमकता हीरक वृत्‍त (डायमण्‍ड रिंग) एक अंगूठी सा लग रहा था। 8 बज कर 32 मिनिट और 15 सैकण्‍ड पर ऊपर के कोने से निकलते एक प्रकाश पुंज से लगा कि उस अंगूठी कोई नग है जो अपना प्रकाश फैला रहा है। कई विद्वानों ने यह उपमा दे डाली कि सूर्य ने कोहिनूर हीरा जड़ी अंगूठी पहन रखी है।
यह अलौकिक पूर्ण सूर्य ग्रहण इलाहाबाद के निकल इरादत गंज में 8 बज कर 39 मिनिट और अंत में पश्चिम बंगाल में डायमण्‍ड हार्बर पर 8 बज कर 48 मिनिट पर देखा गया।
विकसित विज्ञान और खगोलीय गणित ने स्‍पष्‍ट कर दिया कि इतिहास में जो भी लिखा है वह सत्‍य है। खगोलविद् उल्‍टी गणना का पता लगा रहे हैं कि क्‍या महाभारत मे भी उल्‍लेखित कु्रुक्षेत्र के उस प्रलयंकारी युद्ध के दिनों में जयद्रथ की मृत्‍यु से पूर्व खग्रास सूर्यग्रहण हुआ था।
यदि खगोलविद् तिथि और समय ज्ञात कर लेते हैं तो महाभारत काल की सभ्‍यता और संस्‍कृति के इतिहास ककी प्रामाणिकता से भारत फिर विश्‍व की दृष्टि में चमत्‍कारी देश गिना जायेगा।

-प्रस्‍तावना अंक नवम्‍बर 1995 से



2- शुभ लग्न सावधान !!!
-श्रीलक्ष्मण चक्रवर्ती, टीकमगढ़

घनाक्षरी छंद

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Meritable varietable held recently
Saint and sage peerage look marry-age
Congratulate merriment being mingly
My dear, make haste lose no opportunity
Let us enjoy scene royal and kingl

कवित्त

You are abode of peace ease lovely admire
You are the gifted-boon to fulfil all desire
You are the great object for pious meditation
You are the trust of world greatly worth devotion

सोरठा

Be graciously pleased, merciful Almighty
Let they blessings-wreathed upon the merry couple

-अप्रेल-जून 1996 अंक से