सोमवार, 26 जुलाई 2010

सौ0 बेटीजी स्‍नेहलता भट्ट के निधन पर दशाह घाट पर बैठक सम्‍पन्‍न

कोटा। दिनांक 26 जुलाई को भीतरया कुंड में सौ0 स्नेहलता भट्ट के निधन के दशाह घाट के लिए कोटा एवं बाहर से आये सजातीय चम्बल नदी के तट पर शिवालय भीतरिया कुंड पर एकत्रित हुए। रिमझिम के मध्य दशाह में कोटा, अहमदाबाद, बिलखा, राजकोट, जूनागढ़, जतीपुरा, गोकुल, जयपुर, कोलकाता, जामनगर, झालावाड़ से सम्बंधी एकत्रित हुए। दिनांक 17 जुलाई को कोटा निवासी श्रीमती स्नेहलता भट्ट ने 15 दिन हॉस्पिटल में जिन्दगी और मौत से जूझते हुए प्रात: साढ़े सात बजे अंतिम साँस ली थी। झलावाड़ के प्रतिष्ठि‍त बागरोदी भट्ट परिवार में उनका विवाह हुआ था। वे झलावाड़ रियासत के संस्कृत हिंदी के प्रख्यात कवि किंकर तैलंग भट्ट गिरधारी लालाजी के सबसे छोटे पुत्र श्री गिरीश भट्ट की पत्नी थीं। गिरीश भट्ट अध्यापक थे। वे पिछले 20 वर्ष से कोटा में ही स्थायी निवासी थीं। वे कोटा के पुष्टिमार्गीय आचार्य लीलास्थ गोस्वामी श्री पुरुषोत्तम लालजी महाराज की बेटीजी थीं। वे 65 वर्ष की थीं। वे अपने पीछे दो पुत्र, एक पौत्र और 3 पौत्रियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गयी हैं।
दशाह बैठक में उनके सम्बंधियों में समधी जूनागढ़-चौपासनी के गोस्वामी श्री विट्ठलनाथजी महाराज, (गीतेश भट्ट के श्वसुर) एवं समधी गोस्वामी श्री पुरुषोत्तम लालजी महाराज (पंकज गोस्वामी) (गोपी रमण भट्ट के श्‍वसुर) के घर से सौ0 लता गोस्वामी पधारे। बिलखा से गोस्वामी श्री ललित महाराज, कोटा के उनके भ्राता गोस्वामी श्री गोपाल लालजी महाराज, गोस्वामी शरद बावा, गोस्वामी विनय बावा, झालावाड़ से उनके जेठ वरिष्ठ साहित्याकार पं0 गदाधर भट्ट, गौतम भट्ट, गजेंद्र भट्ट, रेही श्री नंदनंदन भट्ट, जामनगर से रेही श्री मधुर, जयपुर से श्री अरुण शर्मा, सुरेंद्र गोस्वामी, रेही योगेश, गोकुल से श्री गोकुलेन्दु भट्ट (बबलू), कोटा से गिरिवर भट्ट, गोविन्द भट्ट, पंचनदी श्री प्रभाष तैलंग, डॉ0 भालचंद तैलंग, श्री सुबोध तैलंग, रेही श्री नारायण लाल तैलंग, श्री अनिल तैलंग, रेही अनिल शर्मा, वैद्य श्री मुरलीधर शर्मा, आत्रेय श्री नवनीत शर्मा, रेही गोपाल कृष्ण भट्ट, ध्रुव भट्ट, अहमदाबाद से रेही श्री कमलेश, रेही चिन्तन, श्री ललित बाबू, श्री रमेश करंजी, श्री अरुण करंजी एवं गर्वित भट्ट (बेटीजी के पौत्र) आदि सपरिवार उपस्थित हुए। बेटीजी के दोनों पुत्र श्री गोपीरमण भट्ट एवं श्री गीतेश भट्ट भद्र हुए। श्री गोपीरमण भट्ट ने उत्तर कर्म की क्रिया सम्पन्न की। उत्तर कर्म जयपुर से पधारे उपाध्याय श्री श्याम सुंदरजी ने सम्पन्न करवाया।

रविवार, 11 जुलाई 2010

बैठक में मात्र औपचारिकता पूरी हुई

कोटा। दाक्षिणात्य वैल्लनाडु सजातीय ब्राह्मण परिवारों की मासिक बैठक 11 जुलाई सायं संगठन की कार्यकारी सदस्या रेही श्रीमती (सौ0) संध्या तैलंग पत्‍नी रेही श्री नारायण तैलंग के निवास 106 कृष्णा कुटीर, सराय कायस्थान, कैथूनीपोल पर आयोजित हुई। अध्यक्ष पंचनदी श्री प्रभाष तैलंग की अनुपस्थिति और अनेकों सदस्यों के न आने पर बैठक में औपचारिकता ही पूरी हो पाई। आगामी चुनावों के लिए प्रस्तावित समीक्षा, संगठन के पंजीकरण से सम्बंधित कार्य आदि के लिए की जाने वाली वार्ता अध्यक्ष श्री प्रभाष तैलंग के न आने से स्थगित रखी गयी। श्री प्रभाष तैलंग सपरिवार 10 जुलाई को ही चार धाम की यात्रा से लौटे थे इसलिए स्वास्‍थ्‍य की दृष्टि से उन्होंने उपस्थित होने में असमर्थता जताई।
बैठक में उपस्थित संगठन के पदाधिकारी सचिव रेही श्री किशोर कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष रेही श्री मदन मोहन तैलंग, कार्यकारी सदस्या सौ0 संध्या तैलंग द्वारा उपस्थित अन्य पारिवारिक सदस्यों के मध्य यह निर्णय लिया गया कि अगले माह की बैठक से पूर्व अध्यक्ष श्री प्रभाष तैलंग के निवास पर कार्यकारिणी की एक बैठक रख ली जाये तथा संगठन की वर्तमान स्थिति पर विचार विमर्श कर आगामी निर्णय के लिए मार्गदर्शन प्राप्त किया जाये।
बैठक में यह बात भी विचार की गयी कि हर माह सपरिवार उपस्थिति को कुछ समय के लिए स्थागित रखा जाये और हर माह केवल कार्यकारिणी की ही बैठक आयोजित हो और समस्याओं आदि पर विचार किया जाये तथा मूलभूत निर्णय लिये जायें। कोषाध्यक्ष श्री मदन मोहन तैलंग ने संगठन के पंजीकरण के सम्बंध में आई अड़चनों के बारे में स्पष्ट‍ किया कि यदि इसी कार्यकारिणी के कार्यकाल में यदि पंजीकरण कराना है, तो अगली कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को पंजीयन में तीन माह से पूर्व कोई परिवर्तन सम्भव नहीं होगा और पहले परिवर्तन करने हेतु फि‍र से शुल्क जमा कराना होगा, इसलिए बेहतर होगा कि पंजीकरण कराना है, तो तीन माह तक कोई चुनाव नहीं कराये जायें अथवा आगामी चुनाव कराने के बाद नयी कार्यकारिणी द्वारा पंजीकरण की कार्यवाही सम्‍पन्न की जाये, ताकि अतिरिक्त पंजीयन शुल्क नहीं देना पड़े। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पंजीकरण कराने का उद्देश्य यदि सरकार द्वारा समाज के लिए रियायती दर पर जमीन उपलब्ध करना है तो यह अब संभव नहीं है क्योंकि सरकार ने समाजों को जमीन देने पर वर्तमान में पाबंदी लगाई हुई है। श्रीमती संध्याजी ने संगठन को पहले मजबूत बनाने पर जोर दिया और सामाजिक अंतर्कलह को खत्म कर संगठन को कठोर निर्णय लिये जाने पर जोर दिया। उन्होंने भी केवल कार्यकारिणी की ही बैठक आयोजित करने पर जोर दिया और समाज के मध्यम आय वर्ग में होने के कारण आज की महँगाई के दौर में समय और धन के व्यर्थ के व्यय में कटौती के लिए आग्रह किया। उन्होंने त्रैमासिक या पर्व त्योहार पर ही सामूहिक मिलन आयोजित करने के लिए अपील की।
बैठक में 10 दिनों से पारीक हॉस्पीटल में आई सी यू में जिन्दगी और मौत से जूझ रहीं श्रीमती स्नेहलता भट्ट के स्वास्‍थ्‍य पर चिन्ता व्यक्त करते हुए सदस्य रेही श्री गोपाल कृष्ण भट्ट ने कहा कि संगठन के पदाधिकारियों को जाकर उनके स्वास्‍थ्‍य के बारे में जानकारी लेनी चाहिए और परिवार से मिलना चाहिए ताकि उन्हें हिम्मत मिले। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कोटा में समाज अल्पससंख्यक है। समाज में आर्थिक रूप से अधिकतर बहुत सम्पन्न नहीं है। समाज के किसी भी परिवार में कोई दुर्घटना, असामयिक घटना, या जिंदगी और मौत से जूझती स्थिति की कोई परिस्थिति हो तो इसे गंभीरता से ले कर उस पर सतत नजर रखने की आवश्यकता है, तभी लोगों को संगठन पर विश्वास बनेगा और भविष्य में लोग संगठन को अपनी आवश्यकता बना पायेंगे। उन्होंने कार्यकारिणी के सदस्यों से आग्रह किया कि अध्यक्ष महोदय के साथ कार्यकारिणी श्रीमती स्नेहलता भट्ट को हॉस्पीटल में देखने जाये और परिवार को हिम्मत बँधाये।
अल्पाहार के साथ बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों के अतिरिक्‍त्‍ा रेही श्रीमती ब्रजप्रिया-श्री गोपाल कृष्ण भट्ट, बागरोदी सौ0 हरिप्रिया, श्रीमती जयमाला, आत्रेय श्रीमती निर्मला शर्मा-श्री नवनीत शर्मा, श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, पंचनदी श्रीमती शालिनी तैलंग, रेही श्रीमती पिंकी-श्री अविनाश तैलंग, श्री निखिल तैलंग, रेही स्वप्निल तैलंग, रेही श्री नारायण लाल तैलंग, छभैया श्री महेंद्र भट्ट, ध्रुव भट्ट, रेही चारु भट्ट, श्री अनिल तैलंग ने भाग लिया।